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आज हम बात करते हैं वर्मीकम्पोस्ट के स्टार्टअप (vermicompost business in hindi) के सक्सेस होने की पूरी यात्रा की. आज हम इंदौर की पूजा यादव के वर्मीकम्पोस्ट स्टार्टअप की सफलता की कहानी (Business Success Stories in Hindi) आपके बीच लेकर आए हैं जिससे हम सभी को एक बेहतरीन मोटिवेशन मिल सके और हम भी अपने जीवन में सफलताएँ हासिल कर सकें.
पूजा यादव की स्टार्टअप से पहले की जर्नी
पूजा वेब डिज़ाइनर की जॉब करती थी, उसे छोड़कर वर्मीकम्पोस्ट का बिजनेस (केंचुआ खाद का बिजनेस) स्टार्ट किया. वे पिछले दो साल से वर्मीकम्पोस्ट बना रही है और उसे पुरे देश मे सप्लाई कर रही है. साथ ही इच्छुक किसानो को अपने स्तर पर ट्रेनिंग भी देती है. वर्तमान में उनके वर्मीकम्पोस्ट स्टार्टअप बिजनेस (vermicompost business in hindi) का 6 लाख टर्नओवर है.
पूजा ने अपनी पढ़ाई के बाद 6 वर्ष तक मुंबई शहर में जॉब की. इसके बाद उनके पिताजी की बीमारी के कारण उन्हें जॉब छोड़ वापस इंदौर आना पड़ा. कुछ दिन घर पर रहने के बाद अपने फॅमिली बिजनेस के साथ जुड़ गई. लगभग दो वर्ष उन्होंने अपने पिताजी का व्यवसाय संभाला और इसके बाद पूजा की शादी कर दी गई.
शादी के दो वर्ष बाद ही उनको बच्चा हो गया और इसके बाद स्वास्थ्य ठीक नहीं रहा. जब उनका स्वास्थ्य बेहतर हुआ तो उन्होंने घर पर बैठने से अच्छा कुछ काम करने का सोचा. उन्होंने बताया कि, उस वक़्त वे कोई जॉब नहीं करना चाहती थी, इसलिए खुद का कोई काम करने का सोच रही थी लेकिन समझ नहीं आ रहा था कि करें तो आखिर क्या करें.
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गूगल से वर्मीकम्पोस्ट व्यवसाय के बारे पता चला
पूजा ने बताया कि, जब उनकी तबियत खराब थी तो वे ऑर्गेनिक फूड्स आहार में लेती थी. घर पर ही कुछ सब्जियां तैयार कर रखी थी. उनमें मैंने गोबर की खाद डाली तो बेहतर परिणाम सामने आए. इसके पश्चात मैंने गूगल पर गोबर की खाद के बारें में बेहतर जानकारियां जुटाई और तब जाके मुझे पता चला कि इस खाद से भी बेहतर खाद वर्मीकम्पोस्ट है. फिर मैंने वर्मीकम्पोस्ट के बारे में रिसर्च शुरू करदी. लगबग 6 महीने तक मैं इसके बारे में जानकारी लेती रही और प्लानिंग करती रही.
आगे उन्होंने बताया की यूट्यूब पर वर्मीकम्पोस्ट से जुड़े कई विडियो देखने पर मुझे इसकी प्रक्रिया काफी हद तक समझ आ गई थी. मुझे फिर ये मालूम हो गया की इसमें कोई खास दक्षता नहीं चाहिए और इसे आसानी से कोई भी कर सकता है. इसके बाद मैंने मन बना लिया की अब इसी वर्मीकम्पोस्ट का ही बिजनेस करेंगे
वर्मीकम्पोस्टिंग की शुरुआत एक बेड से की
पूजा ने सभी जानकारियां जुटाने के बाद 2019 में वर्मीकम्पोस्ट बिजनेस की नींव रखी. उन्हीने शुरुआत्मे एक बेड से शुरू किया क्योंकि अनुभव नहीं था तो वह नुकसान के डर से एक बेड द्वारा स्टार्ट किया फर उन्हें अच्छा परिणाम मिला. एक महीने में ही उनके पास डबल केंचुए हो गए.
तब उन्हें लगा की अब इसे बड़ा करना चाहिए और उन्होंने फिर एक से दो, दो से चार, ऐसे ही 8 बेड कर लिए. जल्द ही उनके पास अच्छा स्टॉक बन गया. जैसे जैसे लोगों तक इसकी जानकारी पहुंची, वे वर्मीकम्पोस्ट लेने हमारे घर तक आने लगे.
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2 साल में 40 बेड हुए और 13 लाख रुपए का कारोबार
पूजा ने कहती हैं कि कुछ सालों में लोगों को वर्मीकम्पोस्ट की अच्छी समझ हुई है जिससे इसकी डिमांड काफी तेज है. किसानों के साथ बहुत से लोग भी अपने घर के पेड़-पौधों के लिए वर्मीकम्पोस्ट खरीद रहें हैं. और अगर रिटेल दुकानों पर देते हैं तो दाम और भी अच्छे प्राप्त होते हैं.
उन्होंने आगे कहा कि, मैंने इसे बिजनेस के हिसाब से शुरू नहीं किया था, इसे सिर्फ घर के लिए किया ताकि ऑर्गेनिक सब्जियां कहा सकें. लेकिन जब लोग मांगने लगे तो मुझे बिजनेस का प्लान आया था. इसके बाद हमने सोशल मीडिया की मदद से इसकी मार्केटिंग की और दो साल पुरे होते-होते 13 लाख रूपये का वर्मीकम्पोस्ट बिजनेस में टर्नओवर हो गया और हमारे पास बेड 40 हो गये थे.
पूजा अभी अपनी तैयार वर्मीकम्पोस्ट को 7 रूपये प्रति किलो के रेट से सेल कर रही है. ज्यादातर ग्राहक उनके घर पर ही आ जाते हैं. जबकि रिटेल पर वह 20 रूपये किलो की दर से मार्केटिंग कर रही है और बेच भी रही है. वे ज्यादातर गुजरात, राजस्थान और मध्यप्रदेश क्षेत्र में बेच रही है.
वर्मी कम्पोस्ट कैसे तैयार करें?
वर्मीकम्पोस्ट कई तरीको से तैयार होती है. इसका सबसे सुलभ और आसान तरीका है, बेड लगाकर करना. इसके लिए 3 से 4 फीट चोड़ा और आवश्यकतानुसार लंबा बेड बनवा लेते हैं. इसके लिए जमीन पर प्लास्टिक डालकर उसके चारो और ईंट से सीमा बना देते हैं, ये सीमेंट से भी बना सकते हैं. बेड बनने के बाद इसमें गोबर डालकर इसे अच्छी तरह फैला दिया जाता है. फिर इसमें आवश्यक केंचुए डालते हैं, उसके बाद जुट के बोरे या घासफूस द्वारा इसे ढक दिया जाता है. फिर उसपर नियमित रूप से पानी छिड़का जाता है.
अगर बेड 5 फीट चोड़ा और 30 फीट लंबा बनाते हैं तो 1500 किलो गोबर और 25 से 30 किलो केंचुओं की आवश्यकता होती है. केंचुए कम हो तब भी कोई समस्या नहीं, बस वर्मीकम्पोस्ट बनने में वक़्त लगता है. केंचुए की कई प्रजातियाँ आती हैं. भारत में लगभग लोग इटालियन प्रजाति के केंचुए उपयोग में लेते हैं. या ऑस्ट्रेलियाई आइसोनिया फेटिडा प्रजाति भी अच्छी मानी जाती है. ये एक दिन में एक किलो गोबर खा जाता है और वह खुद भी डबल हो जाता है. वर्मीकम्पोस्ट के साथ आप केचुए का बिजनेस भी कर सकते हैं. शुरुआत में आप कृषि विज्ञान केंद्र या किसी केंचुए के बिजनेस करने वाले से खरीद सकते हैं.
वर्मी कम्पोस्ट ट्रेनिंग कहां ले सकते हैं और लोन के बारे में?
केंद्र सरकार द्वारा भारतीय किसानो के लिए एक स्कीम है, एग्री क्लिनिक एंड एग्री बिजनेस सेंटर – ACABC. इसके द्वारा आप वर्मीकम्पोस्ट बनाने की और अन्य कृषि तकनीकों की ट्रेनिंग ले सकते हैं. इसके तहत 45 दिन का ऑनलाइन और रेजिडेंशियल कोर्स करवाया जाता है, इसकी 500 रूपये फीस लगती है. यहाँ ट्रेनिंग के अलावा इसके लिए लोन लेने की पूरी प्रक्रिया समझायी जाती है, साथ इसके लिए डाक्यूमेंट्स बनाने की भी जानकारी दी जाती है. सामान्य श्रेणी के किसान को 36% और SC,ST, OBC और महिला को 46% सब्सिडी पर 20 लाख रुपए तक का लोन दिया जाता है. www.agriclinics.net पर विजिट करके आप इसके बारे अधिक जानकारी हासिल कर सकते हैं।
कम लागत में ज्यादा मुनाफे वाला बिजनेस
वर्मीकम्पोस्ट के लिए बहुत ही कम इन्वेस्ट चाहिए. आप शुरुआत एक बेड से कर सकते हैं. उसी के केंचुए बढ़ने पर बेडों की संख्या बढ़ानी चाहिए. वर्मीकम्पोस्ट तैयार होने के बाद उपर से खाद निकाल लेते हैं. निचे जोबचती है उसमें केंचुए रहते हैं. वहाँ से जो अधिक केंचुए हैं उन्हें निकालकर दुसरे बेड में डाल दिए जाते हैं.ऐसा करने पर हमें बार बार केंचुए लाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. खाद की लागत 3 से 4 रूपये प्रति किलो आतिहाई और इसके बाजार में थोक रेट 7 से लेकर 20 रूपये तक होते हैं. खुदरा में ये भाव 30 से 60 रूपये किलो होते हैं.
Business Success Story in Hindi में आज अपने पूजा यादव के वर्मीकम्पोस्ट बिजनेस के बारे में जाना और अपने इससे बहुत कुछ सिखा होगा. ऐसे ही कहानियाँ और बिजनेस आइडियाज पढ़ते रहने के लिए हमसे जुड़े रहें. अपना प्यार बनाए रखे और दोस्तों के साथ share करें.
FAQs Vermicompost Business Success Story in Hindi
वर्मीकम्पोस्ट का उपयोग क्या है?
वर्मीकम्पोस्ट में पानी में घुलनशील पोषक तत्व होते हैं और यह एक उत्कृष्ट, पोषक तत्वों से भरपूर जैविक खाद और मृदा कंडीशनर है। इसका उपयोग खेती और छोटे पैमाने पर टिकाऊ, जैविक खेती में किया जाता है। सीवेज के उपचार के लिए वर्मी कंपोस्टिंग का भी प्रयोग किया जा सकता है।
क्या वर्मीकम्पोस्ट खाद है?
वर्मीकम्पोस्ट एक प्रकार का जैविक खाद है। यह केंचुओं की विभिन्न प्रजातियों का उपयोग करके जैविक कचरे से खाद बनाकर प्राप्त किया जाता है। यह सब्जी या खाद्य अपशिष्ट, बिस्तर सामग्री, और सबसे महत्वपूर्ण कृमि कास्टिंग को विघटित करने का मिश्रण है।
वर्मीकम्पोस्ट से क्या तात्पर्य है?
वर्मीकम्पोस्ट (या वर्मी कम्पोस्ट) केंचुओं का उपयोग गोबर, रसोई और बगीचे के कचरे को तोड़ने के लिए, सामान्य खाद की तुलना में तेजी से बनाने के लिए किया जाता है।