Home Loan Tips : अगर आप भी होम लोन लेने की सोच रहे हैं तो ये आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हो सकता है. होम लोन लेते समय आपके दिमाग में काफी सवाल उठते हैं. होम लोन की जानकारी, होम लोन की अवधि कितनी रखें? EMI अमाउंट कितना बेहतर रहता है? होम लोन टिप्स में आज हम आपके लिए कुछ बेहतरीन जानकारियां लेकर आएं हैं
आसान Home Loan EMI और आपकी सुविधा के अनुसार Home Loan repayment period चुनने के आप्शन देते हुए बैंक हमें घर खरीदने के अपने सपने को पूरा करने के लिए हमे Home Loan देते हैं. आप बैंक में होम लोन के लिए अप्लाई करने से पहले ये कुछ महत्त्वपूर्ण सुझाव जरुर पढ़ें. ये Home Loan Tips आपको लोन लेने से लेकर चुकाने तक में काफी मदद करेगी.
आज हम कुछ होम लोन टिप्स(Home Loan Tips in Hindi) के बारे में चर्चा करेंगे जिससे होम लोन लेते समय आप अधिक कॉन्फिडेंस के साथ रहें और किसी भी प्रकार के निर्णय लेने में सक्षम हो जाएं.
- होम लोन के विभिन्न ऑप्शन पर रिसर्च करें
- अपनी इनकम को ध्यान में रखें
- मासिक बजट बनाएं
- होम लोन की ईएमआई
- होम लोन चुकाने की अवधि
- सिबिल स्कोर बनाए रखें
- होम लोन फोरक्लोज़र के बारे में जानें
- होम लोन पात्रता जांच
- होम लोन अतिरिक्त शुल्क
- होम लोन के दस्तावेज़ों को ध्यान से पढ़ें
- होम लोन टिप्स से जुड़ें कुछ सवाल जवाब
होम लोन के विभिन्न ऑप्शन पर रिसर्च करें
वर्तमान में सभी के पास इन्टरनेट की सुविधा है. आप होम लोन लेने से पहले मार्केट के सभी होम लोन ऑप्शन पर रिसर्च करें और जानकारी जुटाने की कोशिश करें. आप मुख्य रूप से 3 बातों पर जरुर जानकारी प्राप्त करें और उनपर विचार करें.
- डाउन पेमेंट
- होम लोन ईएमआई
- पुनर्भुगतान अवधि
आप इनपर जानकारी जुटाकर एक बेहतर होम लोन को चुन सकते हैं. आप विभिन्न वित्तीय संस्थाओं से पूरी जानकारी हासिल करें और सभी लोन का आपस में तुलनात्मक अध्ययन करें.
होम लोन की राशि अन्य लोन राशि की तुलना में अधिक होती है, इसलिए आप आवेदन करने से पहले सभी बारीकियों को जरुर जानें और सुनिश्चित करें कि आप एक बेहतर होम लोन का चुनाव कर रहें हैं.
अपनी इनकम को ध्यान में रखें
आपको मार्केट में उपलब्ध वित्तीय संस्थाओं से बहुत से लोन विकल्प मिलेंगे. आपको उनमें से अपनी इनकम के अनुसार एक बेहतर लोन का चुनाव करना है. चुनाव करते समय अपनी मासिक आय और खर्च को ध्यान में रखें. आपको तमाम खर्चे, बचत को निकालकर लोन को चुकाना होता है. आप इसी के अनुसार अपना लोन अमाउंट, ईएमआई और समय अवधि चुनें.
आप अपने खर्चे और बचत को बनाए रखकर ही लोन चुनें. इन्हें किसी भी हालत में कम ना होने दे. इससे आप अचानक आने वाले खर्चों से आसानी से निकल पाओगे. जितना महत्त्वपूर्ण अपनी पसंद का घर बनाना या खरीदना है, उतना ही महत्त्वपूर्ण एक बेहतर होम लोन सुविधा चुनना भी है. आपको शुरुआत की एक गलती पूरी लोन अवधि में परेशान कर सकती है.
मासिक बजट बनाएं
आप जब Home Loan ले लिया है तो उसे समय पर चुकाना भी होता है. इसके लिए आपके पास एक सख्त मासिक बजट होना अतिआवश्यक है. आपके Home Loan EMI को मासिक खर्चे प्रभावित कर सकते हैं और उन्हें मैनेज करे बिना आप आसानी से मासिक किस्ते नहीं चुका पाओगे. इसलिए आप अपने मासिक खर्चे का एक सख्त बजट बनाएं और उसका पालन करें.
अगर आप अपनी मासिक इनकम से ईएमआई को कम कर अपने खर्च और बचत को मैनेज कर लेते हैं तो आप आसानी से होम लोन चुका पाओगे. आप अनावश्यक और ऑफर में की जाने वाली खरीददारी पर लगाम रखें और अपनी बचत राशि को भी बनाएं रखे जो आपके अचानकआए इमरजेंसी खर्च को संभाल सकता है.
होम लोन की ईएमआई
प्रत्येक लोन की ईएमआई आपके चयन पर निर्भर करती है. प्रत्येक वित्तीय संस्था और बैंक कई तरह के ईएमआई प्लान उपलब्ध करवाते हैं. ईएमआई घर खरीदने में जमा किये गये डाउन पेमेंट पर निर्भर करता है. आपके द्वारा चुनी गई Home Loan EMI आपकी मासिक इनकम के 35% से अधिक नहीं होनी चाहिए. यदि आपके एक से अधिक लोन चल रहे हैं तो भी सभी लोन की कुल ईएमआई 40% से अधिक ना रखें. आप अपने खर्च के अनुसार इसमें बदलाव कर सकते हैं लेकिन इससे अधिक थोडा जोखिम भरा हो सकता है, आपको लोन चुकाने में समस्या आ सकती है.
होम लोन चुकाने की अवधि
आपके होम लोन को चुकाने में जो कुल समय लगता है उसे चुकौती अवधि कहा जाता है. अधिक अवधि में कम ईएमआई राशि होती है, लेकिन इससे आपकी ब्याज दर बढ़ जाती है. इससे आपकी ब्याज राशि बढ़ जाती हैऔर आपको अधिक पुनर्भुगतान राशि चुकानी पड़ती है.
यदि आपके पास एक तय इनकम है जो समय-समय पर बढती भी है तो हमारी सलाह है आप सख्त बजट के साथ अधिकतम ईएमआई के साथ जाएं. आप अधिकतम जितनी राशि जमा करवा सकते हैं उसे ही चुनें, इससे आप अधिक ब्याज दर से बच जायेंगे. ऐसे में आप अपने बहुत से पैसे बचने में सफल होंगे.
सिबिल स्कोर बनाए रखें
आपको सिबिले स्कोर के बारे में तो मालूम ही होगा. ये हर प्रकार के लोन को प्रभावित करता है, ये आपके रीपेमेंट स्टेटस को दिखाता है तथा उसी के अनुसार एक स्कोर जारी होता है जिसके अनुसार लोन प्रदाता आपके बारे में जानकारी प्राप्त करता है. क्रेडिट स्कोर को बनाए रखना काफी आवश्यक है. आप लोन को समय पर चुकाते हैं तो ये आपके क्रेडिट स्कोर(CIBIL Score) को बढाता है. आप यहाँ जान सकते हैं कि सिबिल स्कोर को कैसे बढ़ा सकते हैं. 750 से अधिक का Credit Score बेहतर माना जाता है. ये लोन की इंटरेस्ट रेट को भी प्रभावित करता है.
होम लोन फोरक्लोज़र के बारे में जानें
RBI अपने रूल्स बदलता रहता है, आपको इनपर ध्यान रखना चाहिए. निर्धारित समय से कम समय में बकाया राशि का भुगतान करके अपने होम लोन को फोरक्लोज़ करने से आप किसी भी अतिरिक्त खर्च का भुगतान करने से बच जाते हैं. जितनी जल्दी आपके होम लोन का भुगतान किया जाएगा, आपका क्रेडिट स्कोर उतना ही अधिक बेहतर होगा.
होम लोन पात्रता जांच
आप जब भी होम लोन अप्लाई करने की सोचें उससे पहले अपनी लोन पात्रता जाँच करें. आपके सिबिल स्कोर पर पात्रता बहुत ज्यादा निर्भर रहती है. सभी बैंक अपनी वेबसाइट पर पात्रता मानदंड उपलब्ध करवाते हैं. आप इन्हें पूरा करते हैं तो होम लोन लेने के लिए ऑनलाइन या अपनी निकटतम बैंक शाखा में ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं.
होम लोन अतिरिक्त शुल्क
ईएमआई के अलावा, अन्य प्रोसेसिंग या सर्विस चार्जेज भी हो सकते हैं जो बैंक लोन अप्लाई करते समय आप पर लगाता है. आप इन चार्जेज पर पहले ही जानकारी प्राप्त करें और वे कैसे पे करने है उसपर भी बैंक से चर्चा करें. ये चार्जेज मासिक या एक साथ चुकाए जाते हैं.
होम लोन के दस्तावेज़ों को ध्यान से पढ़ें
होम लोन लेते समय लोन से जुड़े नियम और शर्ते जरुर पढ़ें,तथा साथ ही अन्य जरुरी बाते भी पढ़ें. आप जहाँ भी अपने हस्ताक्षर कर रहें हैं उन्हें पढना आवश्यक हैं. बहुत बार कुछ ऐसी बाते होतीहैं जो लिखी तो होती हैलेकिन आपको पता नहीं रहती है. जब बाद में कोई समस्या आती है तो आप बैंक के पास जाते हैं और वे कहते हैं कि ये शर्तों में शामिल था.
आपकी तमाम जिज्ञासाओं और आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए ये कुछ सुझाव हमने उपलब्ध करवाने की कोशिश की है. आपको Home Loan tips in Hindi का ये आर्टिकल कैसा लगा, कमेंट कर अपनी राय जरुर बताएं. आप उपरोक्त सुझावों को पढ़कर एक बेहतर लोन प्राप्त कर सकते हैं. उम्मीद करते हैं कि ये सभी जानकारी आपके बहुत काम आएं और आप अनावश्यक तनाव से बच सकें.
धन्यवाद!
होम लोन टिप्स से जुड़ें कुछ सवाल जवाब
Some FAQs related to Home Loan Tips Hindi
ईबीएलआर (EBLR) क्या है?
EBLR का मतलब बाहरी बेंचमार्क लेंडिंग रेट है। एसबीआई ने अपने फ्लोटिंग रेट होम लोन को 01.10.2019 से जोड़ने के लिए रेपो रेट को बाहरी बेंचमार्क के रूप में अपनाया है।
क्या मौजूदा लोन पर नई ब्याज दर का फायदा उठा सकते हैं?
हां, होम लोन में नई ब्याज दर(Interest Rate) में माइग्रेट किया जा सकता है.
पॉवर ऑफ़ एटर्नी क्या है?
पावर ऑफ अटॉर्नी(power of attorney) एक व्यक्ति को किसी अन्य व्यक्ति को उसकी संपत्ति, पूंजी और अचल संपत्तियों के बारे में निर्णय लेने का अधिकार देने की अनुमति देता है.
पावर ऑफ अटॉर्नी दो प्रकार की होती है. पहली, ‘जनरल पावर ऑफ अटॉर्नी’ जहां एक संपत्ति का मालिक ‘सामान्य’ अधिकार प्रदान करता है. लेकिन उसमे बेचने, पट्टे, उप-पट्टा आदि की अनुमति नहीं होती हैं. दूसरी ‘विशेष मुख्तारनामा’ है जिसमें मालिक द्वारा चुने हुए व्यक्ति को केवल एक विशिष्ट अधिकार दिया जाता है.डाउन पेमेंट क्या है?
आम तौर पर, बैंकिंग और वित्त संस्थाएं खरीदी गई संपत्ति(घर, कार या अन्य) की लागत का लगभग 75% से 85% का भुगतान करते हैं. शेष 25% से 15% राशि का भुगतान अप-फ्रंट आधार पर किया जाता है, जिसे डाउन पेमेंट के नाम से जाना जाता है.
होम लोन क्या है?
होम लोन एक आवासीय अचल संपत्ति संपत्ति खरीदने / निर्माण / रिपेयरिंग / अपग्रेडेशन के लिए ब्याज पर बैंक या आवास वित्त संस्थाओं से उधार लिया गया धन है.
होम लोन की औसत अवधि क्या है?
चूंकि होम लोन में बड़ी रकम शामिल होती है, इसलिए अवधि आमतौर पर 3 से 30 साल के बीच होती है.
मेरा वेतन मेरे होम लोन की राशि को कैसे प्रभावित करता है?
ऋण देने वाले बैंक के अन्य मानदंडों और मानदंडों के अलावा, होम लोन राशि की गणना आम तौर पर आपके ईएमआई और एनएमआई अनुपात के आधार पर की जाती है, जहां एनएमआई टैक्सेज और अन्य पेरोल कटौती के बाद घर पर शेष रहने वाला वेतन है. विभिन्न शुद्ध वार्षिक आय स्लैब के लिए ईएमआई/एनएमआई अनुपात 20% से 70% की सीमा में भिन्न होता है. सह-आवेदक को शामिल करके ऋण राशि को बढ़ाया जा सकता है.
होम लोन लेने के लिए आवश्यक कागजात क्या हैं?
होम लेने के लिए आवश्यक डाक्यूमेंट्स :
प्रॉपर्टी से जुड़े डॉक्यूमेंट, इनकम प्रूफ, पहचान प्रमाण, एड्रेस प्रूफ, फोटो, बिजनेस है तो उसका प्रमाण, बैंक स्टेटमेंट