जब भी टैक्सपेयर्स(करदाता) अपनी टैक्स लाइबिलिटी(कर-देयता) से अधिक टैक्स को चुका देता है तो उसे इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) से यह अधिक राशि रिफंड के रूप में प्राप्त होती है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट राशि का सही आकलन कर पैसा रिफंड करता है। टैक्सपेयर्स अपना आयकर रिटर्न (Income Tax Return) भर करके रिफंड का फायदा ले सकते हैं। उन्हें रिटर्न में अपनी इनकम और डिडक्शन की पूरी डिटेल्स उपलब्ध करवानी होती है। रिटर्न भरने के बाद टैक्स रिफंड (Tax Refund) प्राप्त होता है।
इनकम टैक्स रिफंड प्रोसेस
एक बार जब हम रिटर्न दाखिल कर देते हैं, तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इस रिटर्न को वैरिफाई करता और वैरिफाई करने के बाद रिफंड जेनरेट करता है। टैक्स डिपार्टमेंट करदाता द्वारा रिटर्न को ई-वेरिफाई करने के बाद ही रिफंड प्रक्रिया को आगे बढाता है। सामान्यतः ई-वैरिफिकेशन करने की तारीख से रिफंड होने में 25 से 60 दिन लग जाते हैं।
टैक्स डिपार्टमेंट ने इस वित्त वर्ष में अब तक यानी 7 फरवरी तक 1.87 करोड़ टैक्सपेयर्स को 1.67 लाख करोड़ रुपये से अधिक का refund जारी किया है। इसमें आकलन वर्ष 2021-22 (वित्तीय वर्ष) के 1.48 करोड़ रिफंड भी शामिल हैं, जो कि 28,704.38 करोड़ रुपये है।
इनकम टैक्स रिफंड स्टेटस ऑनलाइन चेक करने का तरीका
आप अपना इनकम टैक्स रिफंड स्टेटस ऑनलाइन चेक कर सकते हैं :
- नया इनकम टैक्स ई-फाइलिंग पोर्टल ओपन करें
- NSDL पोर्टल पर
स्टेटस ई-फाइलिंग पोर्टल के द्वारा कैसे देखें
स्टेप 1: आपको इनकम टैक्स इंडिया के नए पोर्टल पर जाना है
स्टेप 2: user id, password और “कैप्चा” इंटर करके अकाउंट में लॉग इन करें
स्टेप 3: अब “रिटर्न/फॉर्म देखें” पर क्लिक करें
स्टेप 4: “एक विकल्प चुनें” और प्रासंगिक निर्धारण वर्ष (AY) के सामने “आयकर रिटर्न” दर्ज करें और “सबमिट करें” पर क्लिक करें और कोई भी धनवापसी की स्थिति देख सकता है।
एनएसडीएल पोर्टल से रिफंड स्टेटस देखना
स्टेप 1: टैक्स रिफंड की स्थिति देखने के लिए एनएसडीएल(NSDL) की वेबसाइट खोलें
स्टेप 2: पैन, आकलन वित्त वर्ष की जानकारी भरें और उसके बाद “सबमिट ” पर क्लिक करें।
स्टेप 3: वेबसाइट करदाताओं का रिफंड स्टेटस शो करती है
FAQs
आयकर रिफंड क्या है?
जब भी टैक्सपेयर्स अपनी करदाता से अधिक टैक्स को चुका देते हैं, तो उन्हें यह अधिक राशि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से रिफंड के रूप में प्राप्त होती है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट राशि का सही आकलन करके पैसा रिफंड करता है।
टैक्सपेयर्स रिफंड का फायदा कैसे ले सकते हैं?
टैक्सपेयर्स अपना आयकर रिटर्न भरकर रिफंड का फायदा ले सकते हैं। उन्हें रिटर्न में अपनी इनकम और डिडक्शन की पूरी डिटेल्स उपलब्ध करवानी होती हैं। रिटर्न भरने के बाद टैक्स रिफंड प्राप्त होता है।
इनकम टैक्स रिफंड की प्रक्रिया क्या है?
जब टैक्सपेयर्स अपना रिटर्न दाखिल करते हैं, तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट उस रिटर्न को वैरिफाई करता है और वैरिफाई करने के बाद रिफंड जेनरेट करता है। रिफंड प्रक्रिया आगे बढ़ती है जब करदाता द्वारा रिटर्न को ई-वेरिफाई किया जाता है। ई-वेरिफिकेशन करने के बाद रिफंड होने में सामान्यतः 25 से 60 दिन लग जाते हैं।