नई दिल्ली : चंद्रयान ने चन्द्रमा की कक्षा में प्रवेश करते ही इसरो सेण्टर को सन्देश भेजा; “MOX, ISTRAC, यह चंद्रयान-3 है। मैं चंद्र गुरुत्वाकर्षण महसूस कर रहा हूं ” चाँद की की कक्षा में कदम रखते ही इसरो को सबसे पहले ये मैसेज मिला. इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) ने चंद्रयान के इस अहम पड़ाव को प्राप्त के बारे में ट्वीट करके यह जानकारी दी।
इसरो द्वारा भेजे गये चंद्रयान 3 ने 3,84,400 किलोमीटर की दूरी तय करने बाद 5 अगस्त को धरती के गुरुत्वाकर्षण को पार किया और चाँद के ऑर्बिट में अपना कदम रखा. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अंतरिक्ष अन्वेषण में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल कर एक बार फिर दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है।
इसरो ने बताया है कि, चंद्रयान 3 एकदम अच्छे से काम कर रहा है. अब चन्द्रयान 3 कई मुश्किलों का सामना करते हुए 23 अगस्त 2023 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव एरिया में सॉफ्ट लैंडिंग करेगा.
सभी की निगाहें 23 अगस्त, शाम 5:47 बजे पर टिकी हैं, जब लैंडर को चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग का अनुमान है। यह प्रत्याशित क्षण इसरो और भारत के अंतरिक्ष प्रयासों के लिए एक निर्णायक उपलब्धि को बताता है। चंद्रयान-3 मिशन न केवल एक तकनीकी मील का पत्थर है, बल्कि ब्रह्मांड की खोज और ब्रह्मांड के बारे में मानवता की समझ का विस्तार करने की भारत की प्रतिबद्धता का एक प्रमाण भी है।
गौरतलब है कि चंद्रयान-3 की यात्रा 14 जुलाई को शुरू हुई थी और 4 अगस्त तक अंतरिक्ष यान चंद्रमा की लगभग दो-तिहाई दूरी तय कर चुका है। यह प्रभावशाली प्रगति उस सटीकता और दक्षता को रेखांकित करती है जिसके साथ इसरो इस मिशन को क्रियान्वित कर रहा है।
जैसे ही हम आशा और उत्साह के साथ आसमान की ओर देखते हैं, हम इसरो के अथक प्रयासों और उल्लेखनीय उपलब्धियों की सराहना करते हैं। चंद्रयान-3 का चंद्रमा की कक्षा में सफल प्रवेश आगामी मील के पत्थर की एक श्रृंखला के लिए मंच तैयार करता है, जिनमें से प्रत्येक हमें चंद्रमा के रहस्यों को उजागर करने और ब्रह्मांड के बारे में हमारी समझ को बढ़ाने के करीब ले जाता है।
अधिक अपडेट के लिए हमारे साथ बने रहें क्योंकि चंद्रयान-3 ब्रह्मांड के माध्यम से अपनी ऐतिहासिक यात्रा जारी रखे हुए है और अंतरिक्ष अन्वेषण के इतिहास पर एक अमिट छाप छोड़ रहा है।