HDFC And HDFC Bank Merger: HDFC Bank में HDFC के होने वाले विलय को RBI से मंजूरी मिल गई है. HDFC Bank ने 4 अप्रैल को विलय के बारे में जानकारी दी थी. इन दोनों कंपनी के विलय को इंडियन बैंकिंग इंडस्ट्री का सबसे बड़ा विलय माना जा रहा है. दोनों के विलय के प्रस्ताव को 2 जुलाई को NSE और BSE से मंजूरी मिल गई थी.
अभी से इनके कस्टमर्स के मन मे कई सवाल है कि HDFC Bank और HDFC के विलय का क्या असर पड़ेगा, ग्राहको को फायदा क्या है और नुकसान क्या है, शेयर होल्डर्स को कितना फायदा है?
बैंक ने बताया कि HDFC Bank को RBI का एक लेटर मिला है, जिसमें RBI ने विलय प्लान के बारे में किसी तरह का ऑब्जेक्शन नहीं उठाया है. कुछ खास शर्तों को पूरा करने के बाद विलय का प्रोसेस पूरा किया जायेगा. इस विलय प्रस्ताव को कई तरह के रेगुलेटरी बॉडीज का भी अप्रूवल प्राप्त करना होगा.
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HDFC और HDFC Bank के कस्टमर्स को फायदा या नुकसान?
एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक के विलय से HDFC की सब्सिडियरी कंपनियों का विलय भी HDFC Bank में हो जाएगा. इससे HDFC Bank और अधिक मजबूत बन जायेगा. बैंक कस्टमर्स को अब बैंकिंग और होम लोन सहित कई अन्य सुविधाएं एक ही जगह मिल जाएगी. अभी इसके लिए लोगों को अलग-अलग कंपनी या अलग-अलग ब्रांच के चक्कर लगाने पड़ते थे. जैसे Demat Account के लिए HDFC सिक्योरिटीज, लोन के लिए किसी अलग ब्रांच में नहीं जाना पड़ेगा. एक ही ब्रांच में सभी तरह आवश्यक सुविधाएं मिलेंगी. विलय से HDFC Bank को Home Loan Market में अपनी पकड़ मजबूत बनाने में काफी मदद मिलने वाली है.
शेयर होल्डर्स को क्या फायदा?
एचडीएफसी बैंक में एचडीएफसी की डील के बाद HDFC Bank का मालिकाना हक पूरी तरह से पब्लिक शेयरहोल्डर्स के पास होगा. इसमें HDFC के वर्तमान शेयरहोल्डर्स की 41 फीसदी हिस्सेदारी होगी. HDFC के शेयरधारक को हर 25 शेयरों के बदले में HDFC Bank के 42 शेयर दिए जायेंगे. इन दोनों का विलय होने के बाद HDFC Bank देश की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक बन जाएगा. अभी वर्तमान में HDFC Bank देश का सबसे बड़ा प्राइवेट बैंक है.
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