GST on online gaming: ऑनलाइन गेमिंग, घुड़दौड़ और कैसीनो पर 28% जीएसटी लगाने के गुड्स एंड सर्विस टैक्स काउंसिल के हालिया फैसले ने गेमिंग इंडस्ट्री में चिंताएं बढ़ा दी हैं। टैक्स खरीदे गए बेट्स या चिप्स के पूरे मूल्य पर लगाया जाएगा, जिसमें कौशल-आधारित(skill-based) और मौका-आधारित(chance-based) खेलों के बीच कोई अंतर नहीं होगा। इस फैसले से इंडस्ट्री और उसके स्टेकहोल्डर्स पर संभावित प्रभाव के बारे में सवाल खड़े हो गए हैं। इस लेख में, हम ऑनलाइन गेमिंग पर नई जीएसटी दर के अर्थ और प्रभाव को देखेंगे और इसके संभावित परिणामों पर भी चर्चा करेंगे।
भारत में ऑनलाइन गेमिंग
ऑनलाइन गेमिंग से तात्पर्य उन खेलों से है जो कंप्यूटर संसाधनों या मध्यस्थों के माध्यम से डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर खेले जाते हैं। भारत में गेमिंग इंडस्ट्री ने आश्चर्यजनक वृद्धि प्राप्त की है और इंडस्ट्री ने 28-30% की वार्षिक दर से वृद्धि की है, इसके चलते 2025 तक 5 बिलियन डॉलर की इंडस्ट्री बनने का अनुमान है। वर्तमान में, ऑनलाइन गेमिंग कंपनियां अपने सकल गेमिंग राजस्व (Gross Gaming Revenue-GGR) पर 18% जीएसटी का भुगतान करती हैं, साथ ही जीत राशि पर 30% टैक्स कटौती (TDS) भी होती है।
गेमिंग इंडस्ट्री पर 28% जीएसटी का प्रभाव
28% जीएसटी दर के बाद इंडस्ट्री के विशेषज्ञों में चिंता पैदा हुई है। उनकी एक अहम चिंता यह है कि उपयोगकर्ताओं का अवैध या अन्तरदेशीय प्लेटफ़ॉर्मों को खोजने की संभावना बढ़ सकती है, ताकि उन्हें 28% जीएसटी का भुगतान न करना पड़े। यह स्थिति भारतीय गेमिंग इंडस्ट्री के लिए बड़ा नुकसान साबित हो सकती है, क्योंकि राजस्व विदेश में जाएगा, जिससे सरकार के टैक्स संग्रह पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस नई टैक्स दर का फैसला गेमिंग इंडस्ट्री की पुरानी मांगों को नजरअंदाज करता है।
अंकुर गुप्ता, प्रैक्टिस लीडर – SW India, का कहना है कि नई टैक्स दर से तत्काल क़ानूनी कार्यवाहियां बढ़ सकती हैं और मुकदमेबाजी की संभावना है, क्योंकि इस टैक्स दर के बाद गेमिंग इंडस्ट्री की कंपनियों को नोटिस मिल सकते हैं। इसके परिणामस्वरूप, इंडस्ट्री में कानूनी टकराव की संभावना है, जिससे इंडस्ट्री के विकास में बाधाएँ पैदा हो सकती हैं।
ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन के सीईओ रोलैंड लैंडर्स ने इस निर्णय की कड़ी आलोचना की है और कहा है कि “हमारा मानना है कि जीएसटी परिषद का यह निर्णय असंवैधानिक और तर्कहीन है। यह निर्णय 60 वर्षों से अधिक समय से चली आ रही कानूनी न्यायशास्त्र की अनदेखी करता है और ऑनलाइन कौशल गेमिंग को जुआ गतिविधियों के साथ जोड़ देता है। यह निर्णय पूरे भारतीय गेमिंग उद्योग को खत्म कर देगा और लाखों लोगों को नुकसान पहुंचाएगा।
शेयर मार्केट प्रतिक्रिया और इन्वेस्टर्स की चिंताएँ
ऑनलाइन गेमिंग पर बढ़ी जीएसटी दर की न्यूज़ के बाद मार्केट में पहले ही प्रतिक्रिया देखी गई है। Nazara Technologies, Onmobile Global और Delta Corp जैसी भारतीय ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के शेयरों में गिरावट आई है, जो निवेशकों की चिंताओं को दर्शाता है कि नई टैक्स नीति का उनके व्यापारिक संचालन और लाभप्रदता पर कैसा प्रभाव हो सकता है।
निष्कर्ष:
ऑनलाइन गेमिंग पर 28% जीएसटी लगाने के फैसले ने इंडस्ट्री के भीतर चिंताएं उत्पन्न की हैं। जबकि सरकार का लक्ष्य टैक्स राजस्व बढ़ाना है, इंडस्ट्री विशेषज्ञों का तर्क है कि उच्च टैक्स दर वैश्विक समकक्षों की तुलना में भारतीय गेम कंपनियों को ज्यादा नुकसान में डालती है। उपयोगकर्ताओं का अवैध प्लेटफ़ॉर्म पर जाने की संभावनायें इंडस्ट्री के लिए बड़ा नुकसान हो सकती है और उसकी विकास में बाधाएं आ सकती हैं। अभी देखना होगा कि इंडस्ट्री इन परिवर्तनों को कैसे स्वीकारता है और क्या सरकार द्वारा कोई संशोधन या छूट का विचार किया जाता है?
आपकी इस नई टैक्स दर पर क्या राय है, हमें कमेंट में जरूर लिखें.
धन्यवाद!