GST on Electric Vehicles in 2023 | electric scooter gst rate | electric vehicle gst rate | electric bike gst rate | gst on electric cars | gst on electric vehicles in india 2023
GST भारत सरकार द्वारा वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर लागू किया गया एक अप्रत्यक्ष कर होता है. इसने मुख्य रूप से अपने दायरे में आने वाली वस्तुओं की कीमतों को प्रभावित किया है. इलेक्ट्रिक वाहन, ईंधन आधारित वाहनों के विकल्प के तौर पर एक पर्यावरण अनुकूल वाहन है, जो 2017 में लागू होने के बाद से जीएसटी के अधीन हैं. इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicles) के निर्माण और खरीद को बढ़ावा देने के लिए, इसकी जीएसटी दरों (GST on Electric Vehicles) को 36th जीएसटी परिषद बैठक(GST Council Meeting) 2019 में संसोधित किया गया था.
इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी दरें (GST rates on Electric Vehicles in Hindi)
1 अगस्त 2017 को इलेक्ट्रिक वाहनों( Electric Vehicles ) पर 12% जीएसटी दर स्लैब लागू हुआ था. इस जीएसटी दर ने इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री को कम कर दिया, वर्ष 2018 में भारत में सिर्फ 54,800 इलेक्ट्रिक बाइक की बिक्री हो पाई, जो उस वर्ष बेची गई बाइक की कुल संख्या का 2% से भी कम है और ये पर्यावरण के परिदृश्य से अच्छा नहीं था.
इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी से चलते हैं, अगस्त 2019 से पहले इनपर 18% GST लागू था. जब इससे इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की बिक्री गिरने लगी तो इलेक्ट्रिक व्हीकल्स मैन्युफैक्चरर कंपनियों ने सरकार से इनपर GST कम करने की मांग की और साथ ही अन्य वाहनों के प्रदूषण को देखते हुए 36th GST Council Meeting में इलेक्ट्रिक वाहनों पर कर को संसोधित करके कम कर दिया गया. इलेक्ट्रिक वाहनों के द्वारा उपयोग किए जाने वाले चार्जर और चार्जिंग स्टेशन के लिए भी दरें कम की गई.
दिनांक | जीएसटी दर (इलेक्ट्रिक वाहन) | जीएसटी दर (इलेक्ट्रिक वाहन चार्जर और चार्जिंग स्टेशन) |
1 अगस्त 2019 से पहले | 12% | 18% |
1 अगस्त 2019 के बाद | 5% | 5% |
इस जीएसटी परिषद की बैठक में किए गए कुछ अन्य महत्वपूर्ण बदलाव जो नीचे दिए गए हैं.
- किसी भी इलेक्ट्रिक वाहन के लिए खरीदार द्वारा लिए गए ऋण के ब्याज पर 1.5 लाख रुपये तक की आयकर कटौती.
- परिवहन के उद्देश्य से सार्वजनिक प्राधिकरणों द्वारा 12 से अधिक सदस्यों की वहन क्षमता वाली इलेक्ट्रिक बसों को किराए पर लेने पर जीएसटी छूट.
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अब हम इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी को अच्छे से समझते हैं. | Understanding the GST on Electric Vehicles in Hindi
इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी 2023 (GST on Electric Vehicles in 2023)
2019 में बैटरी पर जीएसटी दरों को कम करने के पीछे भारत सरकार का मकसद था कि भारत देश को इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में विकसित करना. इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी की दरों में कमी लाने से इनकी कीमत कम हुई जिससे लोगों में इन्हें खरीदने की इच्छा बढ़ी. स्थानीय इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं को अधिक बढ़ावा देने के लिए, ऑटो कम्पोनेंट्स की आयात लागत कम की गई है.
सरकार द्वारा अपनाया गया एक अन्य उपाय इलेक्ट्रिक वाहनों के आयात पर सीमा शुल्क बढ़ा रहा है. यह हमेशा अंतरराष्ट्रीय Electric Vehicles manufacturers के साथ प्रतिस्पर्धा को आसान करता है. कुल मिलाकर, जब भारत सरकार का विजन पूरा होगा, इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण अर्थव्यवस्था को बहुत तेजी से बढ़ावा मिलेगा. साथ ही, यह कम कार्बन उत्सर्जन की दिशा में एक राष्ट्रव्यापी और पर्यावरण सुरक्षा के लिए अहम कदम होगा.
2023 में इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी पिछले वर्षों की तुलना में महत्वपूर्ण रहेगा. जीएसटी दर स्लैब में 12% से 5% करने से इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत में 8,000 रुपये से 10,000 रुपये तक की कमी आई है. इस कमी ने इलेक्ट्रिक वाहनों और ईंधन आधारित वाहनों के बीच कीमतों के काफी अंतर को कम कर दिया है, इसलिए लोगों का अब इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की और रुझान बढ़ा है. जून और अक्टूबर 2021 के बीच बेचे गए इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या 131,270 थी, जो पूरे 2020 में बेची गई केवल 129,346 इकाइयों के बराबर है.

आने वाले वर्षों में देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग और आपूर्ति में तेजी बढती रहेगी. इस बढ़ते इलेक्ट्रिक व्हीकल उद्योग के रास्ते में दो कारक रुकावट डालने वाले हैं, खराब चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स निर्माण में प्रयोग की जाने वाली स्पेयर बैटरी, प्रमुख पार्ट्स और कम्पोनेंट्स पर लगा कर. स्पेयर बैटरी अभी भी 18% GST दर स्लैब के तहत आती है.
वर्ष 2019 में किए गए इकॉनोमिक सर्वे के अनुसार, भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी नॉर्वे और चीन जैसे देशों की तुलना में एक चिंताजनक आंकड़ा है. भारत में इलेक्ट्रिक कारों का प्रतिशत भी ईंधन आधारित कारों की तुलना में काफी निराशाजनक देखने को मिलता है. Techcharc की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि फाइनेंसियल इयर 2020-21 में इलेक्ट्रिक वाहनों का बिक्री प्रतिशत भारत में बेचे गए वाहनों का मात्र 1.3% है.
हमारी टीम के जुटाए आंकड़ो और गणना के अनुसार भारत में 2030 तक 20% से 25% तक इलेक्ट्रॉनिक वाहन सड़को पर चलेंगे, जिनमें दो पहिया वाहन का प्रतिशत 35 से 40 रहने की उम्मीद है.
भारत में वायु प्रदूषण में 30% योगदान ईंधन से चलने वाले वाहनों का है जो ऑटो सेक्टर का प्राथमिक स्रोत है. इलेक्ट्रिक वाहनों पर GST को कम करने के बाद अब उम्मीद जताई जा रही है कि, प्रदूषण की इस भयंकर समस्या का समाधान हो जाएगा.
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FAQs About GST on Electric Vehicles in Hindi
क्या इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी और ग्रीन एनर्जी के बीच कोई संबंध है?
विशेषज्ञों के अनुसार, इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी एक प्रेरक के रूप में काम करेगा और इन वाहनों के निर्माण और बिक्री को बढ़ावा मिलेगा. कस्टमर्स में आयकर छूट और वाहनों की कम लागत द्वारा खरीद के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. नतीजतन, इससे भारत में हरित ऊर्जा( ग्रीन एनर्जी) का उदय होगा.
इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी भारतीय अर्थव्यवस्था को कैसे बढ़ाएगा?
इलेक्ट्रिक वाहनों पर सकारात्मक जीएसटी से महंगे आयातित ईंधन(पेट्रोल, डीजल) पर भारत की निर्भरता कम होगी, जिससे देश के वित्त में भारी हानि होती है. इसलिए, इससे भारतीय अर्थव्यवस्था में व्यापक वृद्धि होगी. इसके अलावा, अगर भारत इलेक्ट्रिक कारों का विनिर्माण केंद्र बन जाता है, तो निर्यात से जबरदस्त मुनाफा होगा.
इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी के सकारात्मक प्रभाव से किन बड़े निर्माताओं को फायदा होगा?
जिन बड़े निर्माताओं को इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी से लाभ होने और उनके उत्पादन को बढ़ावा देने की संभावना है, वे हैं हुंडई मोटर इंडिया, ऑडी, महिंद्रा एंड महिंद्रा, हीरो इलेक्ट्रिक लिमिटेड और एथर एनर्जी
इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी दर क्या है?
वर्तमान में 5 प्रतिशत, अगस्त 2019 से पहले ये 12% थी
इलेक्ट्रिक वाहन चार्जर और चार्जिंग स्टेशन पर जीएसटी दर क्या है?
वर्तमान में 5 प्रतिशत, अगस्त 2019 से पहले ये 12% थी